माँ..
दुनिया का सबसे खूबसूरत और निस्वार्थ प्यार सिर्फ माँ से मिलता है।
चाहे अमीर हो या गरीब, सबके लिए माँ एक जैसी होती है – बस प्यार की मूरत।
माँ के बिना घर वीरान-सा लगता है,
पर जब माँ साथ होती है, तो छोटी-सी झोपड़ी भी जन्नत लगती है।
माँ, जो अपने बच्चों से बिना किसी भेदभाव के बेहिसाब मोहब्बत करती है।
जो अपनी बेटियों के हक के लिए समाज से लड़ जाती है,
उन्हें इतना काबिल बनाती है कि दुनिया भी उसके संस्कारों की इज़्ज़त करने लगती है।
माँ, भले ही खुद पढ़ी-लिखी न हो,
पर अपने बच्चों को आसमान छूने की हिम्मत देती है।
जब राहें अंधेरी होती हैं, तो माँ की दुआएं रौशनी बन जाती हैं।
उसकी गोद में हर ग़म छोटा और उसकी मुस्कान में हर खुशी समा जाती है।
माँ, तू सिर्फ एक इंसान नहीं, तू ईश्वर का सबसे खूबसूरत रूप है।
तेरी ममता की छांव में ही सुकून है, तेरा साथ ही संसार है।